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सुप्रीम कोर्ट में बिहार SIR को लेकर चल रही बहस का अंतिम फ़ैसला नहीं आया है लेकिन 65 लाख लोगों की लिस्ट नहीं देने की तर्क की हार बताती है कि आयोग की नीयत में खोट है। वह कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर सकता कि किसी का नाम काटा जा रहा है तो कारण क्यों नहीं बताया जा रहा है। जिनके नाम काटे गए हैं उनकी लिस्ट इस तरह ले क्यों नहीं डाली जा सकती है कि सभी सर्च कर सकें। आयोग का यह बहाना बता रहा है कि उसकी योजना कुछ और है। वह हर स्तर पर जानकारी को रोक रहा है। अगर उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं तो इस पर क्यों अड़ा हुआ है कि सबको पता न चले। कोर्ट की इस बहस पर हमारा वीडियो देखिए और एक एक बात को ठीक से समझने का प्रयास कीजिए। पता चलेगा कि आपके वोट का अधिकार अब सुरक्षित नहीं रहा। इसकी चोरी की जा सकती है।
नोट- आज कल AI के इस्तेमाल से मेरी आवाज़ और तस्वीर का इस्तेमाल कर कई सारे चैनल बना दिए गए हैं। लेकिन इनमें से कोई भी मेरा चैनल नहीं है। प्लीज़ आप सतर्क हो जाएं। मेरे तीन ही चैनल हैं जिनके लिंक यहां दे रहा हूँ।
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